उग्रवादी संगठन टीपीसी के दूसरे सुप्रीमो और 15 लाख के आतंकवादी मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर गंझू ने हथियार के साथ चतरा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस ने हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, मुकेश गंझू को गुप्त स्थान पर रखते हुए पूछताछ की जा रही है। ऐसी संभावना है कि पुलिस शुक्रवार को मीडिया के सामने औपचारिक घोषणा कर सकती है।
पुलिस की सफलता: मुकेश गंझू के आत्मसमर्पण को झारखंड पुलिस की बड़ी सफलता माना जाता है। मुकेश गंझू, टीपीसी के संस्थापकों में से एक, पिछले दो वर्षों से कई राज्यों की पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की तलाश में था। एनआईए ने मुकेश को भी वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया।
एनआईए ने मुकेश को टीपीसी सुप्रीमो बृजेश गंझू और हमले को वांछित घोषित किया था। जानकारी के मुताबिक, कुछ हफ्ते पहले मुकेश राज्य पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के संपर्क में आया था। विशेष शाखा ने तब अपने आत्मसमर्पण के पहलुओं की एक अलग जांच की। बाद में मुकेश से अधिकतम जानकारी जुटाने के लिए चतरा को पुलिस को सौंप दिया गया। चतरा पुलिस पुराने मामलों में मुकेश को जेल भेजेगी।
कोयला परियोजनाओं में वसूली का मास्टरमाइंड:
मुकेश गंजू सीसीएल के अशोका, पिपराडीह कोयला परियोजना के साथ-साथ मगध-आम्रपाली परियोजना से वसूली में मास्टरमाइंड था। भीखन गंजू के साथ मिलकर वह प्रति टन कोयला व्यापारियों और लोडरों से पैसा वसूल करता था। टीपीसी उग्रवादी समिति को हर महीने करोड़ों रुपये लेवी के रूप में मिलते थे। 2016 में, चतरा के टंडवा में सभी उग्रवादियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वर्ष 2018 में, एनआईए ने कोयला परियोजनाओं में टेरर फंडिंग से संबंधित मामला दर्ज किया। इस मामले के पंजीकरण के बाद, एनआईए ने जांच में मुकेश, कोहराम, ब्रजेश गंझू, अंश्या गंझू, कमलेश सहित कई अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
एनआईए रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी
एनआईए मुकेश गंझू को रिमांड पर लेकर अलग-अलग पूछताछ करेगी। एनआईए अधिकारियों के अनुसार, झारखंड पुलिस द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद मुकेश गंझू को रिमांड पर लिया जाएगा। लेवी वसूली के अलावा, हथियारों की बरामदगी के मामले में एनआईए से भी पूछताछ की जाएगी।
झारखंड सहित कई राज्यों में मामला दर्ज है
झारखंड के चतरा में मुकेश गंझू के खिलाफ लगभग दो दर्जन मामले दर्ज हैं। मुकेश को बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में भी बुक किया गया है। मुकेश पूर्व में भाकपा माओवादी था, लेकिन ब्रजेश गंझू के साथ टीपीसी के गठन के लिए 2004 में संगठन से अलग हो गया।
।